1- बेशक हमने उसको (क़ुरआन) क़द्र की रात मे नाज़िल किया।
2- और आप क्या जानों कि यह क़द्र की रात क्या है।
3- क़द्र की रात हज़ार महीनों से बेहतर है।
4- इस रात मे फ़रिश्ते और रूहुल क़ुद्स अल्लाह के इज़्न के साथ तमाम अमूर को ले कर नाज़िल होते हैं।
5- यह रात सुबह होने तक सलामती ही सलामती है।