95- सूरए वत्तीन का अनुवाद

शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।

1- इनजीर और ज़ैतून की क़सम।

2- और तूरे सीनीन की क़सम।

3- और इस अमन वाले शहर (मक्के) की क़सम।

4- कि हमने इंसान को बेहतरीन तक़वीम( शक्लो सूरत और अंदाज़े) मे पैदा किया।

5- फिर हमने उसको सबसे नीची हालत की तरफ़ पलटा दिया।

6- उन लोगों के अलावा जिन्होंने ईमान को क़बूल किया और नेक काम अन्जाम दिये। इनके लिए तो कभी खत्म न होने वाला अज्र (बदला) है।

7- तुमको क़ियामत के दिन के बारे में कौन झुटला सकता है।

8- क्या अल्लाह सबसे अच्छा हुक्म करने वाला नही है।