1- रात की क़सम जब वह (दुनियाँ) को ढाँप ले।
2- और दिन की क़सम जब वह चमक जाये।
3- और उसकी क़सम जिसने मर्द और औरत को पैदा किया।
4- बेशक तुम्हारी कोशिशें तरह तरह की हैं।
5- बस जिसने (अल्लाह की राह मे) माल दिया और तक़वा इख्तियार किया।
6- और (अल्लाह की) नेक (जज़ा) की तस्दीक़ (=पुष्टि) की ।
7- तो उसके लिए हम आसानी का इंतेज़ाम कर देंगे।
8- और जिसने कंजूसी की और लापरवाई बरती।
9- और नेकी को झुटलाया।
10- जल्दी ही उसको मुश्किलों में फसा देंगे।
11- जब वह हलाक होगा तो उसका माल उसके किसी काम नही आयेगा।
12- बेशक हिदायत हमारी ज़िम्मेदारी है।
13- और दुनिया व आखिरत हमारे क़ब्ज़े में है।
14- तो हमने तुम्हे भड़कती हुई आग से डराया।