90- सूरए बलद का अनुवाद

शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।

1- मैं इस शहर (मक्के) की क़सम खाता हूँ।

2- (उस शहर की) जिसमे तुम रहते हो।

3- एक बाप और उसकी औलाद की क़सम( हज़रत इब्राहीम और आपकी औलाद)

4- हमने इंसान को रंज में रहने वाला बनाया है।

5- क्या वह यह सोचता है कि उस पर कोई क़ाबू नही पा सकता।

6- कि वह यह कहता है कि मैंने बहुत ज़्यादा माल बर्बाद कर दिया है।

7- क्या वह यह सोचता है कि उसको किसी ने नही देखा है।

8- क्या हमने उसको दो आँखें नही दीं।

9- और (क्या हमने उसको) दो होंट और ज़बान (प्रदान नही किये।)

10- और हमने उसको दोनों रास्तों (नेकी और बुराई) की हिदायत की।

11- फिर वह घाटी पर से क्यों नही गुज़रा।

12- और तुम क्या जानों कि यह घाटी क्या है।

13- ग़ुलाम को आज़ाद करना।

14- या भूक के दिन खाना खिलाना।

15- क़रीबी रिश्तेदारों मे से किसी यतीम को।

16- या ज़मीन पर बैठने वाले मिस्कीन को।

17- फिर वह उन लोगों में शामिल हो जाता है जो ईमान लाये और आपस मे एक दूसरे को सब्र और रहमत की नसीहत की।

18- यही लोग असहाबे यमीन हैं। (इनके नामा ए आमाल इनके दाहिने हाथ में दिये जायेंगे।)

19- और जिन लोगों ने हमारी आयात से इन्कार किया वह शूम (बद नसीब) हैं (उनके नामा-ए-आमाल उनके बायें हाथ मे दिये जायेंगे)

20- उन्हें आग मे डाल कर चारों तरफ़ से बंद कर दिया जायेगा।