88- सूरए ग़ाशिया का हिन्दी अनुवाद

शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।

1- क्या तुम्हें ढाँप लेने वाली क़ियामत की बात मालूम है।

2- उस दिन बहुत से चेहरे रुसवा होंगे।

3- लगातार काम करते रहने वाले थके हुए।

4- दहकती हुई आग में दाखिल होंगे।

5- उन्हें गर्म पानी के चशमें से पानी पिलाया जायेगा।

6- उनके खाने के लिए सिर्फ़ काँटों दार झाड़ियाँ होंगी।

7- उससे न (जिस्म) मोटा होगा न भूक ही मिटेगी।

8- कुछ चेहरे तरोताज़ा होंगे।

9- अपनी मेहनत व कोशिश की वजह से खुश।

10- सबसे ऊँची जन्नत में।

11- उसमें(जन्नत) कोई बे हूदा बात सुनाई नही देगी।

12- उसमें झरने बह रहे होंगें।

13- उसमें ऊँचे ऊँचे तख्त होंगें।

14- और चारों तरफ़ प्याले रखे होंगे।

15- और बड़े बड़े गोल तकिये तरतीब से रखे होंगें।

16- और बेहतरीन मसनदें बिछी होंगी।

17- क्या वह लोग ऊँट की तरफ़ नही देखते हैं कि इसको किस तरह पैदा किया गया है।

18- और क्या आसमान की तरफ़ नही देखते कि इसको किस तरह ऊँचा किया गया।

19- और पहाड़ को किस तरह गाड़ा गया है अर्थात दृढता प्रदान की गई है।

20- और ज़मीन को किस तरह बिछाया गया है।

21- लिहाज़ा तुम नसीहत करते रहो कि तुम सिर्फ़ नसीहत करने वाले हो।

22- तुम इन पर मुसल्लत और इनके ज़िम्मेदार नही हो।

23- मगर जो मुँह फेर ले और काफ़िर हो जाये।

24- तो अल्लाह उसको बहुत बड़े अज़ाब में फसायेगा।

25- फिर वह सब हमारी तरफ़ पलटेंगे।

26- और हमारे ही ज़िम्में इन सब का हिसाब किताब है।