1-(ऐ रसूल) आप काफ़िरों से कह दीजिए।
2-मैं (उन बुतों) की इबादत नही कर सकता जिन की तुम इबादत करते हो।
3-और तुम उस (अल्लाह) की इबात नही कर सकते जिसकी मैं इबादत करता हूँ।
4-मैं उनकी इबादत करने वाला नही हूँ जिनकी तुम इबादत करते हो।
5-और न तुम उसकी इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ।
6-तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है और मेरे लिए मेरा दीन है।