102 सूरए तकासुर का अनुवाद

शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम है।

1- तुम अधिक प्राप्ति और गर्व की होड़ मे व्यस्त हो गये (जिसने तुम्हें अल्लाह की याद से दूर कर दिया)

2- यहाँ तक कि तुम क़ब्रों पर गये (और अपने मुर्दों की कब्रों को गिन कर उनकी अधिकता पर गर्व करने लगे।)

3- (जैसा तुम समझते हो ऐसा नही है) तुम जल्दी ही जान लोगे।

4- और फिर अच्छी तरह जान लोगे।

5- अगर तुमकों (आखिरत = परलोक) का यक़ीनी इल्म हो जाता (तो अधिकता प्राप्ति की व्यस्तता तुम को अल्लाह की याद से दूर न होने देती) ।

6- तुम जहन्नम (नरक) को ज़रूर देखोगे।

7- (उसमे जाने के बाद) फिर उसको आँखों देखे यक़ीन की तरह देखोगे।

8- और फिर उस दिन तुम से नेअमतों के बारे में सवाल किया जायेगा।