1-शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो रहमान और रहीम (दयालु और कृपालु) है।
2-सब तारीफ़ें अल्लाह के लिए हैं जो पूरी दुनियाँ का पालने वालाहै।
3- जो रहमान और रहीम (दयालु और कृपालु) है।
4- जो क़ियामत के दिन का मालिक है।
5-(ऐ अल्लाह) हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद चाहते हैं।
6-हमको सीधे रास्ते की हिदायत फ़रमाता रह।
7- जो उन लोगों का रास्ता है जिन पर तूने नेअमते नाज़िल की हैं। उन का रास्ता नहीं जिन पर ग़ज़ब नाज़िल हुआ है या जो बहके हुए हैं।